Basic Knowledge Of Engineering Drawing | इंजीनियरिंग ड्रॉइंग का परिचय
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दोस्तों इस लेख में हमलोग इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के बेसिक जानकारी को समझेंगे ताकि आगे की तैयारी में आसानी हो…
Basic Knowledge Of Engineering Drawing इस लेख में हमलोग जानेंगे…
- इंजीनियरिंग ड्रॉइंग का महत्व (Importance of Engineering Drawing)
- विचार अभव्यक्ति के माध्यम (Medium of Expressing Views)
- इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के उपकरण (Engineering Drawing Instruments)
- ड्रॉइंग बोर्ड (Drawing Board)
- टी स्कवायर (T-Square(
- सैट स्कवायर (Set Square)
- चांदा (Protractor)
- फ़्रेंच कर्व (French Curve)
- स्केल (Scale)
- ड्राफ्टिंग टेम्पलेट (Drafting Template)
- ड्राफ्टिंग मशीन (Drafting Machine)
- मिनी ड्राफ्टर (Mini Drafter)
- ड्रॉइंग इंस्ट्रूमेंट बॉक्स (Drawing Instruments Box)
Basic Knowledge Of Engineering Drawing का परिचय :
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इंजीनियरिंग ड्रॉइंग तकनीकी आरेखन का एक ऐसा प्रकार है, जिसके द्वारा अभियांत्रिकी वस्तुओं को पूर्णतः तथा स्पष्टता परिभाषित किया जाता है तथा इसके द्वारा किसी भी वस्तु के काल्पनिक रूप को विमा रहित ड्रॉइंग शीट पर स्पष्ट उतारा जा सकता है।
किसी भी पार्ट या पुर्जे के निर्माण से पहले उसका एक रेखाचित्र तैयार किया जाता है फिर इसी रेखाचित्र के आधार पर कारीगर पुर्जे , पार्ट या किसी भी मशीन का निर्माण करता है।
विचार अभव्यक्ति के माध्यम (Mediums of Expressing Views) :
कोई भी इंजिनियर या ड्राफ्टमैन अपने विचारो को कारीगर तक पहुंचाने के लिए इन निम्न माध्यमों को अपनाता है –
- मौखिक रूप में (Oral Form)
- लिखित रूप में (Written Form)
- चिन्ह/संकेत के रूप में (Sign/Symbol Form)
- चित्र के रूप में (Diagram Form)
मौखिक रूप (Oral Form) : जब इंजिनियर और कारीगर सम्मुख होते हैं तो वे दोनों अपने विचारों को मौखिक रूप में एक दूसरे से बात करते हैं किसी भी प्रोजेक्ट को तैयार करने के बारे में।
लिखित रूप (Written Form) : जब कारीगर और इंजिनियर पास ना हो तो इस दौरान इंजिनियर अपनी निर्देशों को लिखित रूप में कारीगर तक पहुंचता है।
चिन्ह/संकेत रूप (Sign/Symbol Form) : चिन्ह या संकेत का प्रयोग उस दौरान किया जाता है जब कारीगर बोलने और सुनने में असमर्थ हो तो इस दौरान इंजिनियर अपनी विचारों और निर्देशों को प्रतीक या चिन्ह के रूप में कारीगर तक पहुंचता है।
चित्र रूप (Diagram Form) : अधिकतर मनुष्य अपने भावों को चित्र के द्वारा प्रस्तुत करते हैं। जैसे विचार उनके मन में आते हैं वह उन्हें चित्रों के रूप में व्यक्त कर देते है। यह माध्यम इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के क्षेत्र में ज्यादातर प्रयोग में लाए जाते हैं।
इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के उपकरण (Engineering Drawing Instruments)
वैसे उपकरण जिनकी सहायता से किसी भी प्रोजेक्ट, मशीन या पार्ट पुर्जों का आरेखन किया जाता है, वे सभी इंजीनियरिंग ड्रॉइंग उपकरण कहलाते हैं।
ड्रॉइंग बोर्ड (Drawing Board) : किसी भी प्रोजेक्ट का चित्र आरेखन को तैयार करने के लिए ड्रॉइंग शीट को जिसपर सेट किया जाता है उसे ड्रॉइंग बोर्ड कहते है। यह बोर्ड एक स्टैंड के सहारे पर खड़ी रहती है।
ड्रॉइंग बोर्ड कैल, जैतून या ओक कि लकड़ी का बना होता है। इसे बनाने हेतु भिविन्न पट्टियों को दो बैटन पर स्क्रू द्वारा जोड़ा जाता है। बोर्ड की सतह चिकनी और समतल होनी चाहिए। बोर्ड के बाएं सिरे पर एक 4 से 5 मिमी में काले रंग की लकड़ी की पट्टी फिट होती है इसे ही एबॉनी (Ebony) कहते है। इसी पट्टी के सहारे टी स्क्वेयर को ऊपर नीचे चलाते हुए शीट पर समांतर लाइन खींची जाती है। इस वजह से इस पट्टी को कार्यकारी कोर के नाम से भी जाना जाता है।
टी स्क्वेयर (T-Square) : इस उपकरण का उपयोग ड्रॉइंग बोर्ड पर ड्रॉइंग शीट लगाने तथा उसपर क्षेतीज रेखाएं खींचने के लिए किया जाता है। यह उपकरण इंग्लिश के अल्फाबेट “T” के आकार का बना होता है इस लिए इसे टी स्क्वेयर के नाम से जाना जाता है। इसमें दो मुख्य भाग होते हैं हैड और ब्लेड। इसे 90° पर सेट किया जाता है। इसके ब्लेड की लंबाई 500 मिमी से 1500 मिमी तक होती है।
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सैट स्क्वेयर (Set Square) : सैट स्क्वेयर ड्रॉइंग उपकरणों में एक बहुत ही महत्पूर्ण उपकरण है। यह पारदर्शी प्लास्टिक के बने होते हैं जिसके द्वारा कार्य करते समय नीचे आने वाली रेखाएं स्पष्ट दिखाई देती रहे। इसके एक सैट मे दो सैट स्क्वेयर होते हैं। एक सैट स्क्वेयर मे पहला कोण 30° तथा दूसरा कोण 60° का होता है तथा इसकी लंबाई 20 सेमी होती है, जबकि दूसरे सैट स्क्वेयर मे दो कोण 45° और तीसरा कोण 90° का होता है तथा इसकी लंबाई 20 सेमी होती है। सैट स्क्वेयर का प्रयोग कर के 15° के गुणांक में कोण बनाए जा सकते हैं।
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चांदा (Protractor) : चांदा अर्धवृताकार के आकार की होती है इसे सेलुलॉइड (Celluloid) नामक प्लास्टिक से तैयार किया जाता है। इसपर 0° से 180° तक कोण Clockwise तथा Anti Clockwise दिशा में बने रहते हैं। इसकी सहायता से 0° से 180° तक के कोण सुगमताूर्वक मापे और बनाए जा सकते हैं।
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फ्रेंच कर्व (French Curve) : इस उपकरण का उपयोग उन आकृतियों के आरेखन के लिए किया जाता है, जिन्हें किसी अन्य उपकरण से नहीं बनाया जा सकता हो। फ़्रेंच कर्व एक अनियमित आकार में होता है, इस लिए इसके द्वारा अनियमित वक्र ही बनाए जाते हैं। यह एक सैट के रूप में उपलब्ध होता है।
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स्केल (Scale) : स्केल एक ऐसा उपकरण है जिसका इस्तेमाल ड्रॉइंग के कार्य में अधिक किया जाता है। इसका प्रयोग विमाओं को मापने तथा सीधी रेखा खींचने के लिए किया जाता है। ये जिस भी चीज से बनी होती है इन्हे उस नाम से ही जाना जाता है। जैसे – स्टील की बनी हो तो स्टील रुल , लकड़ी की बनी हो तो वुड रुल।
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ड्राफ्टिंग टेम्पलेट (Drafting Template) : जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये टेम्पलेट होते है यानी की इसपर पहले से ही कई तरह के आकृति बने होते हैं जिन्हें कम समय में ड्रॉइंग शीट पर उतारा जा सकता है। इसपर आयताकार , वर्गाकार , वृत , षट्भुज इत्यादि बनें होते हैं।
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ड्राफ्टिंग मशीन (Drafting Machine) : यह कम से कम समय में ड्रॉइंग तैयार करने का सबसे अच्छा उपकरण है। इसकी मदद से कम समय में ड्राइंग तैयार किया जा सकता है। इस मशीन का उपयोग ज्यादातर ड्राफ्टमैन करते हैं। इस मशीन मे ही ड्रॉइंग तैयार करने वाले उपकरण लगे होते हैं जैसे – स्केल , सैट स्क्वेयर , प्रोटेक्टर , टी स्क्वेयर ये सभी अलग से लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
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मिनी ड्राफ्ट र (Mini Drafter) : ड्रॉइंग के कार्य को अधिक आसान बनाने के लिए आज कल मिनी ड्राफ्ट र का उपयोग किया जाता है। यह ड्राफ्टिंग मशीन का ही लघु रूप है। इसके द्वारा टी स्क्वेयर , सैट स्क्वेयर , चांदे , तथा स्केल इन चारों उपकरणों के कार्य किए जा सकते हैं। इसमें एक दूसरे के लंबरूप दो स्केल , एक गोल प्रोटेक्टर जैसे भाग पर जड़े होते हैं। एक स्केल समांतर तथा दूसरा लंबवत कार्य करता है।
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ड्रॉइंग इंस्ट्रूमेंट बॉक्स (Drawing Instrument Box) : इंजीनियरिंग ड्रॉइंग करते समय बहुत से उपकरणों की जरूरत पड़ती है। इस लिए ड्राफ्ट्समैन के उपयोग में आने वाले हर उपकरण को एक बॉक्स में व्यवस्थित किया जाता है इसे ही ड्रॉइंग इंस्ट्रूमेंट बॉक्स कहते है।
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तो इस पोस्ट के माध्यम से हमलोग Basic Knowledge Of Engineering Drawing इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के बेसिक जानकारी से परिचित हो गए अब अगले पोस्ट में हमलोग और अधिक जानकारी हासिल करेंगे नए पोस्ट के माध्यम से तो आप इस वेबसाइट से जुड़े रहें ताकि नए पोस्ट के माध्यम से आप तक और भी जानकारी पहुंच सके।
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